फूल बोला शूल से -
मत हो उदास इस बात पर
कि तू नहीं किसी को भाता है
मुझे पता है -तू है सतत प्रहरी उसका
जो तेरा जीवनदाता है ।
मेरा क्या है -एक हवा के झोके से बिखर जाऊंगा ,
किसी जुडे में सज जाऊंगा ,
भगवान् के चरणों में चढ़ जाऊंगा ,
किसी शव पर न्योछावर हो जाऊंगा
मेरे भाग्य का कुछ नहीं पता
पर तुम साथी दुःख के हो
पतझड़ का मौसम आयेगा ,
पत्ते भी झड़ जाएँगे ,
तुम अटल -अडिग रक्षा करोगे शाख की
समझे ना समझे कोई इसे
पर बात है ये लाख की ......
पूनम अग्रवाल
मत हो उदास इस बात पर
कि तू नहीं किसी को भाता है
मुझे पता है -तू है सतत प्रहरी उसका
जो तेरा जीवनदाता है ।
मेरा क्या है -एक हवा के झोके से बिखर जाऊंगा ,
किसी जुडे में सज जाऊंगा ,
भगवान् के चरणों में चढ़ जाऊंगा ,
किसी शव पर न्योछावर हो जाऊंगा
मेरे भाग्य का कुछ नहीं पता
पर तुम साथी दुःख के हो
पतझड़ का मौसम आयेगा ,
पत्ते भी झड़ जाएँगे ,
तुम अटल -अडिग रक्षा करोगे शाख की
समझे ना समझे कोई इसे
पर बात है ये लाख की ......
पूनम अग्रवाल
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