चांद खड़ा है द्वारे पर ,
तारों की बारात लिए ।
अम्बर ने अपने आंगन में ,
सजा लिए हैं अरबों दिए।
खिल उठी चांदनी शर्मा कर ,
मेघों का घूँघट किये ।
चल पडी मिलन है आज प्रिये !
पूनम की है रात प्रिये,
मिलन है आज प्रिये !!!!.....
-पूनम अग्रवाल
तारों की बारात लिए ।
अम्बर ने अपने आंगन में ,
सजा लिए हैं अरबों दिए।
खिल उठी चांदनी शर्मा कर ,
मेघों का घूँघट किये ।
माथे पर हैचांद की बिंदिया ,
दिल में हैं अरमान लिए।
माला थामे नयन झुकाकर ,
सिमटी है शृंगार किये।
गीतों को गूंजित कर डाला,
अधरों को चुप चाप सिये ।
चल पडी मिलन है आज प्रिये !
पूनम की है रात प्रिये,
मिलन है आज प्रिये !!!!.....
-पूनम अग्रवाल
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