जब से आये हो जिंदगी में मेरे चमन को बहारो का मतलब याद आया दिल कहे, जीवन की ये बगिया तेरे नाम कर दूँ ले, आज फिर एक कविता तेरे नाम कर दूँ पूछे है पगली, याद करते हो मुझे कैसे कहू, हर शब्-ओ-सहर तेरी याद में डूबे है हर वक़्त जो दिल धडके है तेरी खातिर, उसकी हर शाम तेरे नाम कर दूँ ले, आज फिर एक कविता तेरे नाम कर दूँ हर सुबह का आगाज़ तुम्ही से हर शाम तेरे नाम से ढले हर जाम से पहले कहू ‘बिस्मिल्लाह’,हर वो जाम तेरे नाम कर दूँ ले, आज फिर एक कविता तेरे नाम कर दूँ वो रोये है तो बरसे है बादल इधर भी हँसे है तो खिले है फूल इधर भी तेरी हर मुस्कराहट पर,ये मेरी जान तेरे नाम कर दूँ ले, आज फिर एक कविता तेरे नाम कर दूँ
छोड़ देते हैं मस्तियों को, नादानियों को नहीं देखते उन सपनों को जो सूरज और चांद को छूने का दिलासा दिलाते हैं दबा ...