आइना भी तेरे दीदार से इतरा रहा है, वो खुद को इस ज़माने मे सबसे हसीं पा रहा है, वो नादान तो इतना भी नहीं समझता , ... तेरा रूप उसे इतना हसीं बना रहा है.... Hindi Poem
छोड़ देते हैं मस्तियों को, नादानियों को नहीं देखते उन सपनों को जो सूरज और चांद को छूने का दिलासा दिलाते हैं दबा ...