जीवन पथ हम बढ़ जाते है आगे , इस जीवन पथ पर . छूट जाता है , बहुत कुछ पीछे . कुछ खट्टी कुछ मीठी , यादें साथ चलती है . सोचती हूँ कई बार - काश! हम लौट पाते, उन पलों में वापिस, किसी खटास को , मिठास में बदल पाते. उन पलों को वैसा ही जी पाते दोबारा , जैसा आज चाहते है . पर ऐसा हो नहीं सकता. तब - कर लेते है हम समझौता , अपने वर्तमान से , अपनी परिस्थिति से . यही जीवन है और यही सच भी ..... पूनम अग्रवाल ....
छोड़ देते हैं मस्तियों को, नादानियों को नहीं देखते उन सपनों को जो सूरज और चांद को छूने का दिलासा दिलाते हैं दबा ...