काश मै तुम्हे अपने गीत सुना पाता, काश मै तेरी बांहों मे आ पाता, काश मै तेरे होंठों से निकली हर बात बन जाता, काश मै तेरी आँखों से गुजरी हर रात बन जाता, काश मै तेरे दिल मे तेरे धड़कन की तरह रहता, काश मै तेरी यादों मे तेरे साजन की तरह रहता, काश मै तेरी हर जरूरत की तरह होता, काश मै तेरे आईने मे तेरी सूरत की तरह होता, काश मै तेरे केशों मे लगे गुलाब की तरह होता, काश मै तेरे नींदों मे आये ख्वाब की तरह होता, पर ये हो न सका और तू मुझसे जुदा हो गया, और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह बेवफा हो गया.. पर अब सोचता हूँ............. काश के मेरे गीतों मे फिर तू समां जाये, काश के आवाज़ दूँ तुझको और तू आये, मिले कुछ इस तरह के फिर न जुदा हो, और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह वफ़ा हो, वफ़ा हो , वफ़ा हो.......................... For Hindi Poem visit