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Showing posts from March, 2009

दस्तक आ गयी है......

क्यूँ छिटकी है चांदनी आसमां पर..... क्यूँ बिखरे है रंग जमीं पर..... क्यूँ हवाओं में ताजगी सी है .... लगता है कहीं से बहार आ गयी है। । क्यूँ ताजगी सी है हवाओं पर .... क्यूँ बिछी है नजरें राहों पर.... क्यूँ इन्तजार की इन्तहां हो गयी है.... लगता है बेमोसम बरसात आ गयी है॥ क्यूँ गुनगुनाहट सी है सांसों में.... क्यूँ तान छिडी है साजों में...... क्यूँ जुबान खामोश सी है..... लगता है मिलन की बात आ गयी है॥ क्यूँ महकते ही पत्ते शाखों पर ..... क्यूँ लहराती है जुल्फें शानो पर..... क्यूँ छलकता है दिल हरदम ..... लगता है तेरे आने की दस्तक आ गयी है॥ पूनम अग्रवाल .....